Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer

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Page 20
________________ रखM विज्ञान काट3 मागशयम मापका रक्ताबए पासासासासले मह देवन॥ सहसपी पक एट्राएं उझोरम सामरावमाधिई कवितदिदा प्रहमासाशीणतिशतसिगोदेवाल्सिहरम ब्राहारनउन बनकेतलाइकसम्यक जाव हाहिंसनेमातरम। सीकस्प३॥ अस्पसरवत रिस्पना कपज मोक्षजास्प३॥ laanसमा हिंशाहार समुपधान संगासिहिया जीवाडेबहिंसयाहिंसिशिरसंतिकावतंकरिसे मरमसाप्तमधामकारक स्वजातीयशकीमय पुजासाधकीप छानाश्रीसय बाद्यमिमिशविना याजीविकाजाचा मणधकासय सातसयामकानेक पणतेहलाकमयरा जेतेपरलोकसय यादान याकस्मासयन नापायसहन जय मणमय।। या जननाकसिमकतया ताजीविकासयय अश्लोक ""सनसयाणा नहलायपरलोगतएं श्रादाणसएकसयाजीसए मरणप्रसि लिए कातिर सासूसमुछातयन वेदनासमुधर कयायसमुधार मारणातिकसमुघा३॥ क्रियसमुधासस सयला asणकी लिाग सनसमुम्याथातथणासमुम्घार कसायसमुन्धारामारातियसमुम्घाय धेहियसत्य समुशायश्रमणसगामहावीरासानिवितांमुलहाशनिकहा सामधिपर्वतवर्षकहीज्ञासर घमा लघaudai यवसात हायवेवा साक्षिकदेवोहनाधरणहारम् दाकारी अध्यजना र्यादाकारीसरसकेपहिमाद कहे। सम्झारा सानो सगमवाधारे मरयम ने होमहवासस्यश्या बुदिमत महा साहारकूममधीतासातमुस्कलिसमशेतमकाविली च्चश्मघातायाभूषया वामनद्यकवनासमुघानकझपानानापादनालाकात विस्तारीकर्मफनानOM ग्राहारकवनसमुग्घायनीहवतापा किया ।

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