Book Title: Samavayanga Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Hirsundar Muni
Publisher: Jaiselmer
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शिवारदात
स्तकहाविधीकाराष्टश्वी काय वायका धनस्पतीमायणादि षकारवाहातपाबाह्यशरीरनेशोषकर्म श्रमणपवास पादशा माटाकायसमक्षा गमश्रका ऋमिनस यवाय कायवसकायवेडियादिक पाश्नेबारातघातदनकरिव बाह्य एकधी माजी पथ समूहापाmw मूह॥२॥ पंचडियलईश्वबकायापकमनकाहनातकमा
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नयादान सि रसमजपरिसा भावीपमुखमय कायनारीलाना सलामताभंगपोषकाव्यसंतश्तपःस्परयंतरंगमलन सो शयचित जिवापात गधाविना कश्विासापनाचा गसेवािसना हारपलहननकर्मकरित्तस्पतरापतीचारपण मनकरिक्ष
मादिकनकशिवपादिकनउकारवन कायउतेकदा अरियामिती संश्चरवा रसायकिल सोलीय घितिराकानयंत पाया रणामाचा नाश कालवेलामबनण नवनाबममघातकशासाai
sanानाद नाmmumaanasAR श्वाहाकमजलहणाश्वसमसामनासमशानाम्पाप्पा लाय मारामादिकः कदानके
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उदयासिकायदपासागवाननिभास्मानापदेवासासंबविमाकर्ममा wिaanव्याचे समानतामण बामनियामघाट्य पंन्नतिकहा खयणासमुन्धा-कह्या लेकर
निरिमरणाकिसेवघाससमुह जीवनयापकमल वविध पकाविरयंछनावोहानसरधनमामान्यायका याममा जावाकया
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समेकपाटाहरतितलाष्टम॥२ वटी

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