Book Title: Purusharth Siddhi Upay
Author(s): Amrutchandracharya, Vishuddhsagar
Publisher: Vishuddhsagar

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Page 10
________________ पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमृत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 10 of 583 ISBN # 81-7628-131-3 -2010:002 मंगलाचरण ओंकारं बिन्दुसंयुक्तं, नित्यं ध्यायन्ति योगिन कामदं मोक्षदं चैव, ओंकाराय नमो नमः । अवरिल-शब्दघनौघ-प्रक्षालित-सकलभूतल-कलङ्कां मुनिभि-रूपासित-तीर्था सरस्वती हरतु नो दुरितम् अज्ञान-तिमिरान्धानां ज्ञानाज्जन-शलाकया चक्षुरून्मीलितं येन, तस्मै श्रीगुरवे नमः 2 श्री परमगुरवे नमः, परम्पराचार्यगुरवे नमः सकलकलुष विध्वंसक, श्रेयसां परिवर्धक, धर्मसम्बन्धकं भव्य-जीवमनः प्रतिबोध-कारकमिदं शास्त्रं श्री पुरुषार्थसिद्धियुपाय नामधेयं, ___ अस्य मूलग्रन्थकर्तारः श्रीसर्वज्ञदेवास्तदुत्तर ग्रन्थकर्तार:श्रीगणधर-देवा: प्रति गणधर देवास्तेषां वचोऽनसारमासाध्य श्री अमतचंद्राचार्येण विरचितं, तस्य भाषा टीकां मुनि श्री विशुद्धसागरेण विरचितं एषः पुरुषार्थ देशना नाम ग्रंथः मंगलम् भगवान वीरो, मंगलम् गौतमो गणी मंगलम् कुन्दकुन्दाद्यौ, जैनधर्मोऽस्तु मंगलम् सर्व मंगल-मांगल्यम् सर्वकल्याणकारकम् प्रधानम् सर्वधर्माणाम् जैनं जयतु शासनम् Visit us at http://www.vishuddhasagar.com Copy and All rights reserved by www.vishuddhasagar.com For more info please contact : akshayakumar_jain@yahoo.com or pkjainwater@yahoo.com

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