Book Title: Purusharth Siddhi Upay Author(s): Amrutchandracharya, Vishuddhsagar Publisher: Vishuddhsagar View full book textPage 9
________________ पुरुषार्थ सिद्धि उपाय : आचार्य अमृत चंद्र स्वामी पुरुषार्थ देशना : परम पूज्य आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागरजी महाराज Page 9 of 583 ISBN # 81-7628-131-3 -2010:002 461 467 485 490 494 500 503 105. 506 510 94. सिद्धि का हेतु समाधि अहिंसा की सिद्धी है सल्लेखना मरण व्रतों में अतिचार न लगायें अहिंसा और सत्यव्रत के अतिचार 98. निर्माण से निर्वाण 99. अतिचारों से बचों 100. अतिचारों से बचों 101. अतिचार से अनाचार 102. अतिचारों से बचों 103. तप विधान 104. तप के भेद चमकना है तो तपो 106. षट आवश्यक व तीन गुप्तियों का स्वरुप 107. पाँच समितियाँ 108. सरल बनों, सहज बनों 109. पुरुषार्थ देशना 110. मुनियों के बाईस परिषह 111. रत्नत्रय का पालन, श्रावक को एकदेश व मुनि को परिपूर्ण 112. जिनेन्द्र की आराधना : मोक्ष महल की कुंजी 113. जितने अंश में राग, उतने अंश में बंध 114. बंध के हेतु कषाय और योग 115. परमात्म स्वरुप रत्नत्रय 116. तीर्थंकर प्रकृति व आहारक प्रकृति के हेतु 117. निर्वाण का हेतु रत्नत्रय धर्म 118. रत्नत्रय ही मोक्ष का हेतु 119. ग्रंथकर्ता की महानता 120. परिशिष्ट 514 582 Visit us at http://www.vishuddhasagar.com Copy and All rights reserved by www.vishuddhasagar.com For more info please contact : akshayakumar_jain@yahoo.com or pkjainwater@yahoo.comPage Navigation
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