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प्रवचन
सारोद्धारे
सटीके
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म. ना शिष्यरत्त मुनिराज श्री जिनचंद्रविजयजी म. ना विनेय शिव्यरत्न मुनिश्री मुनिचंद्र विजयजी महाराजने प्रेरणा करी. ते बन्ने संपादक मुनिवर्योए पू. प्रा. श्री भुवनमानुसूरीश्वरजी म. तथा पू. प्रा. श्री श्रोंकारसूरीश्वरजी म. ना श्राशीर्वादथी श्रा कार्य उपाडी लोधु एना फलस्वरुपे आजे श्रा ग्रन्थ तमारी समक्ष मुकी रह्या छोए । तेथी ते बन्ने पू. आचार्य भगवंता तथा संपादकमुनिराजोना उपकारना पण श्रमे ऋणी छीओ.
प्रस्तुत ग्रंथरत्नना संपूर्ण मुद्रणव्ययअंगे श्री श्रीपालनगर जैन संघ ज्ञाननिधि (मुंबई) तरफथी श्रुतभक्तिनो लाभ लोधेल छे तेथी संघना ट्रस्टीगणनो पण श्रमे श्राभार मानीए छोए तथा ज्ञानोदय प्रिंटिंग प्रेस, पिंडवाडाना व्यवस्थापक श्री विजयराजजी मोदी (बी. ए. बी. एड) तथा श्री शंकरदासजी आदि कर्मचारिगणनो सहयोग पण प्रशंसनीय छे. प्रत्यक्ष या परोक्षरीते प्रकाशनमा सहाय करी होय ते बघा प्रत्ये कृतज्ञता दर्शावीए छीओ.
अंतम टुक समयमा बीजा नवा ग्रंथोना प्रकाशननी श्राशानां श्रापना सेवको
(१) शेठ रमणलाल दलसुखभाई (प्रमुख) खंभात (२) शेठ माणेकलाल चुनीलाल मुम्बई (३) शा. खूबचंद अचलदासजी पिंडवाडा (४) शा. समरथमल रायचंदजी (मंत्री) पिंडवाड़ा
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(५) शा. लालचंद छगनलालजी (मंत्री) पिंडवाड़ा (६) शेठ रमणलाल वजेचन्द (मंत्री) अहमदाबाद (७) शा. हिम्मतमल रुगनाथजी बेडा (८) शेठ जेठालाल चुनीलाल घीवाला मुम्बई - भारतीय प्राच्य तत्त्व प्रकाशन समिति
प्रकाशकी
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