Book Title: Pratishtha Lekh Sangraha Part 02
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Vinaysagar

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Page 136
________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः द्वितीयो विभागः (५६५) शान्तिनाथ-मूलनायकः संवत् १९१० शाके १७७५ प्रवर्तमाने मासोत्तममासे माधवमासे धवलपक्षे ५ तिथौ गुरुवासरे महाराजाधिराज महाराज श्रीतखतसिंहजी जसवंतसिंहजी विजयराज्ये श्रीपालीनगरे सकल श्रीसंघगादीमहोच्छवेनांजनशलाका कृतं जोधपुरनगरवास्तव्य श्रीओशवंशे मुताजी अखयचंदजी तत्पुत्र मुता श्रीलक्ष्मीचंदजी त० मु० श्रीमुकुंदचंदजी धर्मानुरागेण महोच्छव- कारापितं श्रीमहेवा परगने श्रीवीरमपुरनगरमध्ये शंखवालेचा मालाशा कारापितं श्रीजिनालये श्रीशान्तिनाथबिंबं प्रतिष्ठितं जगद्गुरुविरुदधारक श्रीखरतरभावहर्षगच्छेश भ० क्षमासूरिपट्टे भ० श्रीजिनपद्मसूरिभिः प्रतिष्ठितं सकलश्रेयोर्थं ॥ (५६६) शान्तिनाथ-मूलनायकः संवत् १९१० वर्षे मा। शुक्ल २ श्रीशान्तिनाथजिनबिंबं। श्रीजिनमहेन्द्रसूरिभिः। (५६७) महावीरः ॥ संवत् १९१० वर्षे शाके १७७५ प्र। फाल्गुनमासे कृष्णपक्षे २ तिथौ सकद.....द गोत्रे रोसनराय तत्पुत्र कानजीमल त.......... श्रीवर्द्धमानजिनबिंबं चारित्रउदयउपदेशात् कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहद्भट्टा० खरतरग० श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः॥ (५६८) महावीर-सपरिकरः ॥ सं० १९१० वर्षे शाके १७७५ प्र। फाल्गुनमासे कृ० २ तिथौ श्रीमालवंशे महमवालगोत्रीय खेमचंद तत्पुत्र विजयचंद तत्पुत्र.......... चारित्रउदयउपदेशेन कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहद्भट्टा० खरतरग० श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः॥ (५६९) महावीरः सं० १९१० फाल्गुनऽसिते २ बुधे महावीरजिनबिंबं पञ्चालदेशे कांपिल्यपुरे प्रतिष्ठितं श्रीमद् बृहद्भट्टारकखरतरगच्छे। श्रीजिननंदी- वर्द्धनसूरिभिः। ५६५. नाकोड़ा शांतिनाथ मंदिर ५६६. सिंहपुरी शांतिनाथ मंदिर ५६७. जयपुर श्रीमालों की दादाबाड़ी ५६८. जयपुर श्रीमालों की दादाबाड़ी ५६९. लखनऊ दादाबाड़ी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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