Book Title: Pratishtha Lekh Sangraha Part 02
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Vinaysagar

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Page 137
________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः द्वितीयो विभागः (५७०) शान्तिनाथः संवत् १९१० वर्षे फाल्गुन मासे कृष्णपक्षे २ तिथौ बुधे ओशवंशे पहलावतगोत्रीय गुलाबराय तस्य भार्या अमरकुंवरतया शान्तिनाथ-जिनबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं च श्रीमद्धृहद्भट्टारकखरतरगच्छीय श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः पूजकानां वृद्धितरां भूयात्। (५७१) अजितनाथः ___सं० १९१० वर्षे शाके १७७५ प्रवर्तमाने फाल्गुनमासे कृष्णपक्षे २ तिथौ बुधे ओशवंशे पहलावत गोत्रे गुलाबराय तत्पुत्र किसनचंदेन श्रीअजितजिनबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीमबृहद्भट्टारकखरतरगच्छीय श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः पूजकानां वृद्धितरां भूयात्। (५७२ ) आदिनाथ-सपरिकरः ___ सं० १९१० फाल्गुनऽसिते २ बुधे श्रीआदिजिनपरिकरं कारितं पञ्चालदेशे कांपिल्यपुरे प्रतिष्ठितं। श्रीमबृहद्भट्टारकखरतरगच्छाधिराज श्रीजिनाक्षयसूरिपदस्थित श्रीजिनचन्द्रसूरिपदकजलयलीन विनेय श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः ओशवंशे पहलावतगोत्रे लाला महाचंदजी तत्पुत्र श्री सदानंदजी तत्पुत्र लाला गुलाबरायजी तद्भार्या झुन्नुबीबी तेन कारितं। महता प्रमोदेन । (५७३) जिनदत्तसूरि-पादुका ॥ संवत् १९१० वर्षे शाके १७७५ प्रवर्तमाने फाल्गुन मासे कृष्णपक्षे ५ तिथौ जयनगरवास्तव्य समस्त श्रीसंघेन चारित्रउदय उपदेशेन श्रीजिनदत्तसूरिपादुके कारिते प्र। बृ। भट्टारकखरतरगच्छीय श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः । ___(५७४) जिनचन्द्रसूरि-पादुका ॥ संवत् १९१० फाल्गुन मासे कृष्णपक्षे ५ तिथौ बृहद्भट्टारकखरतरगच्छाधिराजश्री भ० श्रीजिनाक्षयसूरिपदस्थ श्रीजिनचन्द्रसूरिपादुके चारित्र उदय उपदेशेन जयनगरवास्तव्य समस्तश्रीसंघेन प्र। बृ। भ० श्रीजिननंदीवर्द्धनसूरिभिः॥ ५७०. लखनऊ दादाबाड़ी ऋषभ मंदिर ५७१. लखनऊ दादाबाड़ी ऋषभ मंदिर ५७२. लखनऊ दादाबाड़ी ऋषभ मंदिर ५७३. जयपुर श्रीमालों की दादाबाड़ी ५७४. जयपुर श्रीमालों की दादाबाड़ी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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