Book Title: Pratishtha Lekh Sangraha Part 02
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Vinaysagar

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Page 166
________________ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः द्वितीयो विभागः (७२४) शिलापट्ट-प्रशस्तिः अहँ नमः। परमत्यागीश्वर तपगच्छाधिपति श्रीबुद्धिविजयजी गणि प्रसिद्धनाम बूटेरायजी महाराजकू शिष्य श्रीमुक्तिविजयजी गणि प्रसिद्ध नाम मूलचन्द्र जी महाराज के शिष्य श्रीविजयकमलसूरीश्वर के प्रशिष्य श्रीयशोविजय जी जैन गुरुकुल पालीताणा के संस्थापक मुनि महाराज चारित्रविजयजी कच्छी के शिष्य मुनि श्रीदर्शनविजयजी आदि के उपदेश से जवाहरलाल नाहटा ने श्रीअनंतनाथजी महाराज भात बाजार मुंबई के..........खर्च करके श्री १००८ श्री..........महाराज के जैन श्वेताम्बर मन्दिर खेडला राज्य जैपुर का जीर्णोद्धार कराया मिति..........वीर संवत् २४६९ विक्रम संवत् २००० द. ता..........१९४३ ई.।। (७२५) गौडीपार्श्वनाथ-पादुका ॥ श्रीगौडीपार्श्वनाथस्य। ह्रीं श्रीं जिनरत्नसूरिविजयराज्ये पं। प्र। श्रीअभयमूर्ति गणि खरतरगच्छे प्रतिष्ठितं । (७२६) शंखेश्वर पार्श्वनाथ-एकतीर्थीः श्रीशंखेश्वर माणिक्यसागर प्रणमति ___ (७२७) जिनकुशलसूरि-पादुका दादा भ० श्रीजिनकुशलसूरिजी पादुका प्र० श्रीजिनमुक्तिसूरिभिः। __ (७२८) जिनदत्तसूरि-मूर्तिः १ दादाजी श्रीजिनकुशलसूरिजी (७२९) जिनकुशलसूरि-मूर्तिः दादाजी श्रीजिनकुशलसूरिजी। (७३०) जिनदत्तसूरि-पादुका श्रीजिनदत्तसूरीणां पादुका श्रे. ७२४. खेड़ला पार्श्वनाथ मन्दिर ७२५. नागोर न्यात की बगीची ७२६. कोटा चन्द्रप्रभ मन्दिर ७२७. सवाई माधोपुर विमलनाथ मन्दिर ७२८. अजमेर दादाबाड़ी ७२९. अजमेर दादाबाड़ी ७३०. जयपुर इमली वाली धर्मशाला Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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