Book Title: Pratishtha Lekh Sangraha Part 02
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Vinaysagar

View full book text
Previous | Next

Page 192
________________ १६७ प्रतिष्ठा-लेख-संग्रहः द्वितीयो विभागः जिनेश्वरसूरि जिनोदयसूरि जीवनविजय ज्ञानरीमनुसूरि ज्ञानलाल ज्ञानसागर ज्ञानसागरसूरि ज्ञानसार वा० ८,१६ २६९ ४११,४१२ ३२१ ६६९ ४४८,४४९ १५४, २१७ ३८२, ४०९, ४१७, ४१८, ४१९, ४२० ७११,७१२,७१३,७१४,७१८ ३१२ ३३२ ६४४,६६९ ३४१, ३४३,३४४, ३४५ ५७७ ३२८ ४१० ७२४ ५२६ ज्ञानसुन्दर ठाकुर ऋषि ठाकुरसी गणि तिलकधीर गणि तिलकसागरसूरि तिलोकचन्द्र तेजरत्नसूरि त्रिलोकसागर गणि दर्शनविजय दीपचन्द गणि दीपचन्द्र पं० दुलीचन्द ऋषि देवगुप्तसूरि देवचन्द्रसरि देवरतजी देवरत्नसूरि देवविजय उ० देवेन्द्रसूरि दौलतविजय धनप्रभसूरि धनराज उ० ३८४ ६३८ ४२,४८, १३३, १७६, २१५ १६ ३५९ २९९ २३२ ३४ ४६० १४८,१७५ २२० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218