Book Title: Pratima Shatak
Author(s): Yashovijay Maharaj, Bhavprabhsuri, Mulchand Nathubhai Vakil
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 12
________________ अनुक्रमणिका. विशेषणवालो कहेलो , तेथी देवतानी नक्ति धर्म ने .. परंतु स्थिति नथी. ते संबंधी विस्तारथी वर्णन. ३३ २५ कुमतियोए देवताओने अधार्मिक कहेला ने, ते संबंधी श्री स्थानांग सूत्रनो अभिप्राय. ३४ २३ सम्यग्दृष्टि देवताउँमां धर्म स्थापक गुणो ने ते संबंधी श्री जगवती सूत्रनो आधार. . ३५ २४ सूर्याजदेवनुं नक्ति कृत्य अनुमोदवायोग्य नथी तेवो कु____ मतिनो विचार अने ते संबंधे तेनी उपहास्यतानुं वर्णन. ३६ २५ सूर्याल देवना नृत्य संबंधमां वीर प्रनुना मौनगें समाधान ३५ २६ सावध अने निरवद्य व्यवहारमा प्रनुनी वाणीना क्रमनी विचित्रतानुं वर्णन. ३० २७ दानअने नक्ति कर्ममांप्रनुनी मौनता उपदेशना संबंधमां केवा आशयवाली ते बाबतमां कुमतियोनी समजण मिथ्या एम दावी ते संबंधे करेलु यथास्थित समाधान. ४० २७ जरतादिकनी वांगना निषेधेली, तेम जिनालय करा' ववानो निषेध कर्योनथी ते बाबतमां दृष्टांत युक्त समाधान.४५ २ए व्यस्तवमा मुनिने अनुमोदना करवानो अधिकार ने, ___एम सिद्धांतानुसार स्थापन. ४ ३० प्रन्यस्तवमां लक्ति अने हिंसानू मिश्रपणुं ने एम कुमतिनी शंका अने तेनुं विपत्तायुक्त समाधान. ४५ . ३१ व्यस्तव उपदेश करवायोग्य नहोवाथी अनुमोदवा योग्य नयी एवी कुमतिनी वाणी परत्वे हेतुयुक्त समाधान. ४६

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