Book Title: Pratima Shatak
Author(s): Yashovijay Maharaj, Bhavprabhsuri, Mulchand Nathubhai Vakil
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 10
________________ अनुक्रमणिका. विषय. पानु. १ श्री जिनेश्वर जगवंतनी प्रतिमानुं महिमा गजत वर्णन. १ २ श्री जावप्रसूरिए प्रतिमा शतक उपर संक्षिप्तवृत्ति करवानोहेतु. ३ प्रतिमा संबंधी विशेषणोना श्रर्थनं स्पष्टी करण ४ नामादि त्रणे निक्षेप जावरुप जगवंतना तडूपपणाना कारण तेनुं विस्तारथी वर्णन. ५ नामादित्रणे निक्षेप संबंधी जावनिक्षेप सहित पूर्वपक्ष उत्तरपनुं हेतु युक्ति सहित वर्णन. ६ चोवीस करतां जीवने शुं लान थाय तेनुं वर्णन. 9 अन्य आवश्यक कार्योपयोग रहित कीर्त्तन संबंधी विचार २ ଥ ० प्रव्यनिक्षेप संबंधी श्राराध्यतानी प्रतीति श्रने चारे निक्षेपनी श्राराध्यतानी सिद्धिनुं वर्णन. ब्राह्मी लिपिनी जेम ईतनी प्रतिमा वंदन करवा योग्यवे तेनुंशास्त्राधार सहित वर्णन. १.१ १० नाम, स्थापना ने नाव निक्षेपना अरसपरसना संबंधनं विस्तार सहित वर्णन. ११ जगवंतनी प्रतिमाना विराधकनी उपहास्यता अने आराधकनी कृतार्थतानुं वर्णन १२ १४

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