Book Title: Prakrit Rupmala
Author(s): Kasturvijay
Publisher: Vadilal Bapulal Shah

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Page 277
________________ मुनि-कस्तूरविजयविनिर्मिता || Gooooooooooooooooo00000 000000movowwwwwvonour असो अशोक पुं० अह अघ अशोकवृक्ष पाप नीच पुं० वि० ओष्ठ-नीचेनु वि० उद्यत वि. 'मालीक स्त्री० व्यभिचारिणी स्त्री नाम वधारे न. अहि सर्प हमणा अ० नीचे अहम अधम अहर अधर अहिउत्त अभियुक्त अहिअ अधिक अहिवह अधिपति अहिसारिआ अभिसारिका अहिहाण अभिधान अहि . अहुणा अधुना अहो अधः आइच्च आदित्य . आइरिअ आचार्य आउअ आयुष् आउल आकुल आउह आयुध आपस आदेश आओडिअ ताडित आडोव आटोप आढत्त आरब्ध. आणण आनन । आणन्द आनन्द आणा आज्ञा सूर्य areAayogogy आचार्य आवरदा गभरायेलु हथीयार आज्ञा मारेलु आडम्बर आरम्भेलु मुख आणन्द हुकम ' [स्तंभ हाथीने बांधवाना तडको रोग हर्ष-सुगंध भविष्यत्काल आचार्य दर्पण आणाल आतव आम आमोअ आयइ आयरिअ आयरिस आलान आतप आमय आमोद आयति आचार्य आदर्श sages.gog g

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