Book Title: Prakrit Rupmala
Author(s): Kasturvijay
Publisher: Vadilal Bapulal Shah
________________
(४०)
आ-गम्
सं-गम्
अभि-आ-गम्
प्रति-अ -आ-गम्
यम्
शम्
रम्
पूर
त्वर
क्षर
उत्-छलू
वि-गल्
प्र-मील
बल
'कल
चलू
दलू
वळू
धव्
सिव्
अंशू
अव-काश्
|| प्राकृत संस्कृतनाममाला ॥
न्द, णिम्मह, णी णीण, णीलुक्क पदअ रम्भ, परिअल्ल, बोल, परिवण णिरिणास, णिवह, अवसेह, अवहर, गच्छ, अहिपुच्चुअ, आगच्छ
अब्भिड, संगच्छ,
उम्मत्थ, अब्भागच्छ, पलोट्ट, पच्चागच्छ
यच्छ
पडिसा, परिसाम, सम
संखुड्ड, खेड्ड, उब्भाव, किलिकिञ्च, कोदुम्म,
तुषर, जअड, तूर, तुर,
खिर,झर, पज्झर पचड,
णिच्चल, णिहुअ,
उत्थल्ल
थिप्प, णि ुह, विगल
पमिल्ल, पमील
मोट्टाय, णीसर, वेल्ल, रम,
अग्घाड, उग्घष,उदूधुम, अगुम, आहिरेम, पूर
बल
कल
चल्ल, चल
विट्ट, दल,
आषयुं, संगम थवो
सन्मुखआववुं
पाछु आव रोक, निवृत्तकर
वम्फ, वल
धा
सिव्व
फिड, फिट्ट, फुड, फुट्ट, चुक्क,
भुल्ल, भैंस,
ओवास, अववास
शान्तथ रम, क्रीडांकरवी
उछलकुं
ज्ञ, खावुं, पीगली जवुं
करमाइ जj, निन्द्रालेवी
खावुं, जीववं
जाणवु संख्यागणषी
तृप्तकरवुं, पूर्णकर,
त्वराकरवी
झर, टपकवुं,
चालवु
चीरवु, ककडा करवा
दलवु
ढing,
दोडवु
raj
नाशपामवु, पतीत
थ, भ्रष्टथ, मार्ग आपयो
Page Navigation
1 ... 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340