Book Title: Prakrit Rupmala
Author(s): Kasturvijay
Publisher: Vadilal Bapulal Shah

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Page 332
________________ मुनिकस्तूरविजय विनिर्मिता वय वारि विज्जु भगवई (स्त्री०) भगवन्त (न०) भीयर भाउ भिस मट्टिआ वीसा वे [द्वि] सवण्णु सयंभू मन्नु । ससा सरअ (पु) सरिआ सव्य (पु.) ., (स्त्री०) ,, [न.] महव महवाण महिमा माआ माअरा माइ माउ माउसिआ माउच्छा - माला मुत्ति . मुध्ध । मुध्धाण सठि सय सासू 'सुरहि सुसिरी सुव (पु०) ,, (स्त्री) ' . .मंतु सेय रत्ति राय रायाण रिसि रुपिणी लच्छी वण सोहिल्ल संपया हरि हसन्त [] हसमाण , हसई (स्त्री०) हसन्ती , हसमाणी . हसन्त (न.) हसमाण ,

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