Book Title: Prakrit Rupmala
Author(s): Kasturvijay
Publisher: Vadilal Bapulal Shah
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मुनिकस्तूरविजय विनिर्मिता
(७) . ॥ प्राकृतरूपमालान्तर्गतप्राकृतशब्दरूपाणामकारादि
अनुक्रमणिका ॥ अप्पाण
एग अत्ताण .
ए अप्प..
एक्क अत्त
एक्कत अह अच्चि
पअ अच्छरसा
(स्त्री अच्छग.
एआ अन्न (पु.)
(न० ,, (खी०) ., नि.]
कत्तार अमु (पुं)
कत्तु .., (खी०)
कम्मा . ., (न.)
क (किम् ) (पु० अम्ह
का ,, (खी अळू
किं ,, (न : आउस
कउहा आउ :
कई
खलपू इम (इदम्) (पुं)
गउ इमी , (स्त्री)
गरिमा इमा , (स्रो०)
गामणी इम , (न०) .उसण . . .
गाव एग () ७२
गावी एअ
गिरा
गोण एक्क , पक्कल्ल
चमू एगा (स्रो०) ८० चन्दम एआ
चउ पक्का पक्कल्ला
छिहा
. .
९
गाअ
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