Book Title: Prakrit Rupmala
Author(s): Kasturvijay
Publisher: Vadilal Bapulal Shah
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धून
नट्ट
नासव
स्मृ.
पंग
॥ मुनि कस्तूरविजयधिनिर्मिता ॥ प्राकृत संस्कृत० प्राकृत० . संस्कृत धुण
पडिअम्ग अनु-व्रज धुमा उद्-धमा
पडिसा धुव . . धू
पडिसा
शम् । धुव्व
पडिसाम नच्च नृत्
शुभ:: पणाम
अपि नष
पद
गम् । नस्त नश
पभ्नाड
मृद्
पम्हुह नि
पम्हुत वि- स्मृ निअच्छ निम्मष निर्- मा
पयर
स्मृ । निम्माण ,
पयहल. निरप्प स्था
पयल्ल . प्र- स . . . निरुवार . ग्रह
पर निरंज भञ्ज परिअक्क गम् नील निर- स
परिअल नूम छ,
परिअन्त पडल्ल • पच्
परिआल 'पक्खोड
परिवाड पक्खोड वि-कोश
परिहट्ट पञ्चड . क्षर
परी
भ्रम्
परि पच्चार उपा-लम्भ
पलाव
नश.. पच्छन्द
पल्लट्ट पज्ज
पल्हत्थ , , पज्जर का
पल्हत्य वि० रिच पज्मर
पल्लोट्ट परि-अस् पट्ट पिब्
पल्लोट्ट प्रत्याङ्-गम् पतृव प्र-स्थापि पठवाय
म्ला पड पत् पव्वाल
। प्लाषि
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म
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वेष्ट्र
सद
घट्.
क्षिप्..
गम्
परि- अस्
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