Book Title: Prakrit Rupmala
Author(s): Kasturvijay
Publisher: Vadilal Bapulal Shah
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॥ संस्कृतप्राकृतधातुमाला ॥
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प्राकृत० संस्कृत प्राकृतसूत्राङ्कः प्राकृत. संस्कृत आउड्ड मज्ज्
उब्भाव रम् आचस्क आङ्-चक्ष
उब्भुत्थ उक्षिप् आढप्प , रम्
उम्मत्थ अभ्याङ् गम् आयज्झ वेपू
उमंछ वञ्च आयम्व ,
उंघ नि-द्रा आरोअ उद्-लसू
उल्लाल उद्--नम् आरोल पुञ्ज
उल्लुक तुड्. आलिह स्पृश
उल्लुण्ड वि-रिच आलुख ,
उल्लूर तुङ् आलुख दहू
उवहत्थ समा-रच आवुक्क वि-ज्ञप्.
उग्विव उद्-विज् आह कांक्ष
उव्वेढ , वेष्ट आहोड तड्
उज्वैल्ल ,,. ., आसंघ सं भावि
उज्वेल्ल प्र-स..
उस्सिक उद्-क्षिप् उक्कुस गम्
उस्सिक्क मुच उक्खुड तु
उसुम्भ उद्-लस् उग्ग उद्-घटू
ऊसल ,, ,, उग्गह . रच
ओअक्ख दृश् उग्घुस मृ
ओअग्ग वि--आए उणिक मुच
ओअन्द आङ्-छिद्र उत्थंघ उद्-नम्
ओग्गाल रोमन्थ उत्थंघ , क्षिप्
ओम्वाल छद् उत्थंघ रुध्
ओम्वाल प्लावि उत्थार आङ्-क्रम्
ओरस अव-तृ उत्थल्ल उत्-शल्
ओरुम्मा उद्-वा उद्दाल आङ्-छिद्
ओलुण्ड वि-रिच उधुमा पूर्
ओह अव-तृ उप्षाल कथू
ओहाम तुल् उप्पेल उद्-नम्
ओहाम आङ-क्रम ..
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