Book Title: Prakrit Rupmala
Author(s): Kasturvijay
Publisher: Vadilal Bapulal Shah

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Page 310
________________ अटू. लुट् तुझ् नट् मण्ड् तुड् घूर्ण कथ क्वथू ग्रन्थ मन्थ् ह्लादू निस्-संदू छिद्र - भिद् खाद् सद् मदू आ-छिद् मृदू रूपन्दू निर्-पद् मुनि - कस्तूर विजय विनिर्मिता ॥ अट्ट लोट्ट तुट्ट नट्ट .चिश्च, चिश्चअ, चिञ्चिल, रोड, fefafses, मण्ड ल्लूर, तुड, घुल, घोल, घुम्म, पहल्ल, बज्जर, पज्जर, उप्पाल, पिसुण, संघ, बोल्ल, चव, जम्प, सीस, साह, कह, णिव्वर तोड, तुट्ट, खुट्ट, खुड, उक्खु ड, उल्लुक्क, णिलुक्क, लुक्क, उ अट्ट, कढ गण्ठ घुसल, बिरोल, मन्थ, अवअच्छ छिन्द भिन्द खा सड णिमज्ज, णुमञ्ज दुहाव, णिच्छल, णिज्झो ड, णिव्वर, जिल्लूर, लूर, भटकवुं, अटनकरवु आळोटवुं तोडवुं, तोफानकर कुं बोलवु नाचवु, भूषित करवु, चुलुचुल, फन्द णिव्वल, णिप्पन • तोडवु चक्रआकारे घुमवुं कहेवुं बोलकं दीलगीरी बताववी 3 पकावु, उकालवु गुथ, गांठवjaat मंथन करवु अस्पष्टबोलवु खुशथवु (३७) बेसवु छेदवु, फाडवु, चीस्बु, भेदयुं, फाडयुं, खावुं सडवुं मादकरवो .. मच्च ओअन्द उद्दाल, अच्छिन्द छेदवुं मल, मढ, परिहट्ट, खड्डू, चट्ट पसवु, चूर्णकर मडु, पन्नाड फरक, कम्प froyer कर

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