Book Title: Prakrit Rupmala
Author(s): Kasturvijay
Publisher: Vadilal Bapulal Shah

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Page 309
________________ (३६) 1 Â Â ज् ज् बुक्क ढिक्क अग्घ, छज्ज, सह,रीर रेह, राय. आउड्डु, णिउड्डु, बुड्ड, खुप मन्न थवुं मज्ज. पुञ्ज (नामधातु) ओराल, वमाल, पुञ्ज जीह, लज्ज ओसुक्क, तेअ राज् मस्जू लस्ज् तिज् मृज भक्षू व्रज्ञ उद् - विज्ञ सृज् अनुव्रज्ञ अर्ज युज् भुज् सिर वि-उत्-सृज् वोसिर उप-भुज् घटू ॥ प्राकृत संस्कृतनाममाला || सम्-घट् स्फुट् वेष्ट् सम्-वेष्ट् उद्वेष्ट् sour उग्घुस, लुञ्छ, पुंछ, पुस, फुस, पुस, लुह, हुल, रो साण, मज्ज, वेमय, मुसुभूर, मूर, सूर, सूड, विर, वरञ्ज, करञ्ज, नीरञ्ज, भञ्ज भांगवु, फोडवुं. वच्च जवुं अणुवच्च, परिअग्ग विढव, अंज, जुञ्ज, जुज्ज, जुप्प भुञ्ज, जिम, जेम, कमाण्ह समाण, चमढ, चड्ड कम्मव, उबहुअ गढ, घड, संगल, संघड मुर, फुट्ट, फुड गर्जना करवी बळदनु गोज शोभवु वेढ संवेल्ल, उodeल, उode · ढगलो करवी लज्जापामवी सहन करवु धो, स्वच्छ करं निर्मल करवु, उद्वेगपामधी त्यागकरat त्याग करवो 'अनुसरवुं कम जोडवु खावु, भोगवु. उपभोगको चेष्टाकरवी चालवु एकठुकरवु, बोलवु संघट्टो करवो खिल, प्रफुल्लितथ कांप, फोड - विंटवु ag घेरं

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