Book Title: Prakrit Rupmala
Author(s): Kasturvijay
Publisher: Vadilal Bapulal Shah

Previous | Next

Page 303
________________ (३०) अ० • समूह न० सात अ० ॥ प्राकृतसंस्कृतनाममाला ॥ moreanewwwno n vereसई शची स्त्री० इन्द्राणी सउह सौध न० मेहेल संपइ संप्रति अ० अ० हमणा संपयं सांप्रतम् हममा संपया संपत् आबादी सक्कय संस्कृत संस्कृत . संघयण संहनन न० शरीर .. संघाय संघात सज्झस साध्वस न० भय सज्झाय स्वाध्याय स्वाध्याय सण्ह सूक्ष्म सूक्ष्म . सणिअं .. धीमे सत्थ सार्थ,शास्त्र पु० न० समूह, शास्त्र . संति शान्ति . स्त्री०. शान्ति सत्व पु० , प्राणी सत्त सप्तन सत्तरह सप्तदश सत्तु शत्रु सत्तुजय . शत्रुञ्जय. पु. पर्वत शब्द. सम्मबिट्टि सम्यग्दृष्टि पुं० सम्यग्दृष्टि सयंभू स्वयम्भू शिव सयहुतं शतकृत्वः अ० सीवार सर स्मर कामदेव सरअ शरदू शरदऋतु सरस्सई सरस्वती स्त्री० सरस्वती सरिच्छ सदृक्ष सरिसव सर्षप सरसव सलाहा श्लाघा स्त्री० प्रीति सव्व समग्र सवह शपथ पुं० मोगन सम्वत्थ सर्वत्र __ अ० समग्रठेकाणे. सव्वरी शर्वरी स्त्री० रात्रि सात सत्तर शत्रु विo सर सर्व वि०

Loading...

Page Navigation
1 ... 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340