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जाता है और इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के उत्तम पुरुष एकवचन का 'मि' प्रत्यय भी जोड़ दिया जाता है और अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' हो जाता है। जैसे(हस+स्सि+मि) = हसिस्सिमि = (मैं) हँसूंगा/हँसूंगी। (भवि.उ.पु.एक.) (ठा+स्सि+मि)= ठास्सिमि-ठस्सिमि = (मैं) ठहरूंगा/ठहरूँगी। (भवि.उ.पु.एक.) (हो+स्सि+मि) = होस्सिमि = (मैं) होऊँगा/होऊँगी। (भवि.उ.पु.एक.) (प्राकृत के नियमानुसार संयुक्ताक्षर के पहिले यदि दीर्घ स्वर हो तो वह ह्रस्व हो जाता है)।
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उत्तम पुरुष बहुवचन 1/2 15. (क) प्राकृत भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं में
भविष्यत्काल के उत्तम पुरुष बहुवचन में 'हि' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा
जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के उत्तम पुरुष बहुवचन के . 'मो, मु और म' प्रत्यय भी जोड़ दिये जाते हैं और अकारान्त क्रिया के
अन्त्य 'अ' का 'इ' और 'ए' हो जाता है। जैसे(हस+हि+मो, मु, म) = हसिहिमो, हसेहिमो, हसिहिमु, हसेहिमु, हसिहिम, हसेहिम = (हम दोनों/हम सब) हँसेंगे/हँसेंगी। (भवि.उ.पु.बहु.) (ठा+हि+मो, मु, म) = ठाहिमो, ठाहिमु, ठाहिम =
(हम दोनों/हम सब) ठहरेंगे/ठहरेंगी। (भवि.उ.पु.बहु.) (हो+हि+मो, मु, म) = होहिमो, होहिमु, होहिम =
(हम दोनों/हम सब) होंगे/होंगी। (भवि.उ.पु.बहु.)
- (ख) प्राकृत भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं में
भविष्यत्काल के उत्तम पुरुष बहुवचन में विकल्प से 'स्सा और हा' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़े जाते हैं, इनको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के उत्तम
पुरुष बहुवचन के 'मो, मु और म' प्रत्यय भी जोड़ दिये जाते हैं और
'अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' और 'ए' हो जाता है। जैसेप्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
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