________________
उत्तम पुरुष बहुवचन 1/2 29.(क) प्राकृत भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं के
विधि एवं आज्ञा के उत्तम पुरुष बहुवचन में 'मो' प्रत्यय क्रियाओं में लगता है। 'मो' प्रत्यय लगने पर अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'आ' और 'ए' भी हो जाता है। जैसे(हस+मो)-हसमो, हसामो, हसेमो= (हम दोनों/हम सब) हँसें। (विधि.उ.पु.बहु) (ठा+मो) = ठामो = (हम दोनों/हम सब) ठहरें।. (विधि.उ.पु.बहु) (हो+मो) = होमो = (हम दोनों/हम सब) होवें। (विधि.उ.पु.बहु)
(ख) अर्धमागधी में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं के विधि ___ एवं आज्ञा के उत्तम पुरुष बहुवचन में ‘एज्जाम' प्रत्यय क्रिया में लगता है।
जैसे
(हस+एज्जाम) = हसेज्जाम = (हम दोनों/हम सब) हँसें। (विधि.उ.पु.बहु.) (ठा+एज्जाम) = ठाएज्जाम = (हम दोनों/हम सब) ठहरें। (विधि.उ.पु.बहु) (हो+एज्जाम) = होज्जाम = (हम दोनों/हम सब) होवें। (विधि.उ.पु.बहु) (प्राकृत के नियमानुसार ओकारान्त तथा एकारान्त आदि क्रियाओं में एज्जा का 'ए' हटा दिया जाता है)।
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
___ मध्यम पुरुष एकवचन 2/1 30.(क) प्राकृत भाषा में अकारान्त, आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं के
विधि एवं आज्ञा के मध्यम पुरुष एकवचन में 'सु' प्रत्यय क्रियाओं में लगता है। 'सु' प्रत्यय लगने पर अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' हो जाता है। जैसे(हस+सु) = हससु, हसेसु = (तुम) हँसो। (विधि.म.पु.एक) (ठा+सु) = ठासु = (तुम) ठहरो। (विधि.म.पु.एक) (हो+सु) = होसु = (तुम) होवो। (विधि.म.पु.एक)
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
(28)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org