Book Title: Prakrit Hindi Vyakaran Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 116
________________ भविष्यत्काल (शौरसेनी भाषा) आकारान्त, ओकारान्त क्रिया (प्रत्यय) एकवचन बहुवचन उत्तम पुरुष स्सिमि स्सिमो, स्सिमु, स्सिम ज्जस्सिमि, ज्जास्सिमि ज्जस्सिमो, ज्जास्सिमो ज्जस्सिमु, ज्जास्सिमु ज्जस्सिम, ज्जास्सिम मध्यम पुरुष स्सिसि स्सिह, स्सिइत्था, स्सिध ज्जस्सिसि ज्जस्सिह, ज्जस्सिइत्था, ज्जस्सिध ज्जास्सिसि ज्जास्सिह, ज्जास्सिइत्था, ज्जास्सिध अन्य पुरुष स्सिदि स्सिन्ति, स्सिन्ते, स्सिइरे ज्जस्सिदि, ज्जास्सिदि ज्जस्सिन्ति, ज्जस्सिन्ते, ज्जस्सिइरे ज्जास्सिन्ति, ज्जास्सिन्ते, ज्जास्सिइरे भविष्यत्काल (अर्धमागधी भाषा) आकारान्त क्रिया (ठा) एकवचन बहुवचन उत्तम पुरुष प्राकृतवत प्राकृतवत मध्यम पुरुष(i)ठस्ससि ठस्सह, ठस्सइत्था .. (ii) ठज्जस्ससि, ठज्जास्ससि ठज्जस्सह, ठज्जास्सह ठज्जस्सइत्था, ठज्जास्सइत्था अन्य पुरुष (i) ठस्सइ ठस्सन्ति, ठस्सन्ते, ठस्सइरे (iii) ठज्जस्सइ, ठज्जास्सइ ठज्जस्सन्ति, ठज्जास्सन्ति ठज्जस्सन्ते, ठज्जास्सन्ते ठज्जस्सइरे, ठज्जास्सइरे प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2) (105) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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