Book Title: Prakrit Hindi Vyakaran Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 139
________________ श्रीमती शकुन्तला जैन ने इस अपभ्रंश-हिन्दी-व्याकरण में संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया-कृदन्त आदि देकर पाठकों के लिए इसे सरल व्याकरण बना दिया है। अपभ्रंश भाषा का ज्ञान प्राप्त करने के लिए हिन्दी के विद्यार्थी इससे सीधा लाभ प्राप्त कर सकेंगे। शकुन्तला जी आप जिस निर्देशन से गतिशील बन रहीं हैं, वह आपके लिए अनुपम सीख का कार्य करेगा। Dr. Udai Chand Jain • Ex. Associate Professor Deptt. of Jainology & Prakrit [CSSH] M.L. Sukhadia Univergity, UDAIPUR Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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