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(ग) अर्धमागधी में अकारान्त आदि क्रियाओं के विधि एवं आज्ञा के अन्य पुरुष
एकवचन में 'ए' और 'एज्जा' प्रत्यय क्रियाओं में लगते हैं। जैसे(हस+ए, एज्जा) = हसे, हसेज्जा = (वह) हँसे। (विधि.अ.पु.एक.)
(घ) अर्धमागधी में आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं के विधि एवं आज्ञा
के अन्य पुरुष एकवचन में 'एज्जा' प्रत्यय क्रियाओं में लगता है। जैसे(ठा+एज्जा) = ठाएज्जा = (वह) ठहरे। (विधि.अ.पु.एक) ... (हो+एज्जा) = होज्जा = (वह) होवे। (विधि.अ.पु.एक) : (प्राकृत के नियमानुसार ओकारान्त तथा एकारान्त आदि क्रियाओं में एज्जा का 'ए' हटा दिया जाता है)।
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अन्य पुरुष बहुवचन 3/2 33.(क) प्राकृत भाषा में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं के
विधि एवं आज्ञा के अन्य पुरुष बहुवचन में 'न्तु' प्रत्यय क्रिया में लगता है। 'न्तु' प्रत्यय लगने पर अकारान्त क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' भी हो जाता है। जैसे(हस+न्तु) = हसन्तु, हसेन्तु = (वे दोनों/वे सब) हँसें। (विधि.अ.पु.बहु) (ठा+न्तु) = ठान्तु-ठन्तु = (वे दोनों/वे सब) ठहरें। (विधि.अ.पु.बहु) (हो+न्तु) = होन्तु = (वे दोनों/वे सब) होवें। (विधि.अ.पु.बहु)
(प्राकृत के नियमानुसार संयुक्ताक्षर के पहिले यदि दीर्घ स्वर हो तो वह हस्व हो जाता है)। (ख) अर्धमागधी में अकारान्त, आकारान्त, ओकारान्त आदि क्रियाओं के विधि
एवं आज्ञा के अन्य पुरुष बहुवचन में 'एज्जा' प्रत्यय क्रिया में लगता है। जैसे
प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-2)
(32)
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