________________
( हस+स्स + इ, ए, दि, दे) = हसिस्सइ, हसिस्सए, हसेस्सइ, हसेस्सए, = ( वह) हँसेगा / हँसेगी । (भवि. अ. पु. एक . )
(च) अर्धमागधी प्राकृत में आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं में भविष्यत्काल के अन्य पुरुष एकवचन में 'स्स' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के अन्य पुरुष एकवचन का 'इ' प्रत्यय भी जोड़ दिया जाता है। जैसे
(ठा+स्स+इ) = ठास्सइ → ठस्सइ = ( वह) ठहरेगा / ठहरेगी। (भवि.अ.पु. एक.) ( हो+स्स+इ) होस्सइ = ( वह ) होवेगा / होवेगी । (भवि.अ.पु. एक.)
(प्राकृत के नियमानुसार संयुक्ताक्षर के पहिले यदि दीर्घ स्वर हो तो वह ह्रस्व हो जाता है)।
=
अन्य पुरुष बहुवचन 3 / 2
19. (क) प्राकृत भाषा में अकारान्त क्रियाओं में भविष्यत्काल के अन्य पुरुष बहुवचन में 'हि' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के अन्य पुरुष बहुवचन के 'न्ति, न्ते और इरे' प्रत्यय भी जोड़ दिये जाते हैं और क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'इ' और 'ए' हो जाता है। जैसे
( हस + हि+न्ति, न्ते, इरे) = हसिहिन्ति, हसेहिन्ति, हसिहिन्ते, हसेहिन्ते, हसिहिइरे, हसेहिरे = (वे दोनों / वे सब ) हँसेंगे / हँसेंगी । (भवि. अ. पु. बहु . )
(ख) प्रांकृत भाषा में आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं में भविष्यत्काल के अन्य पुरुष बहुवचन में 'हि' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के अन्य पुरुष बहुवचन के 'न्ति, न्ते और इरे' प्रत्यय भी जोड़ दिये जाते हैं। जैसे
· (ठा+हि+न्ति, न्ते, इरे)
ठाहिन्ति, ठाहिन्ते, ठाहिरे या ठाहिरे
(वे दोनों / वे सब ) ठहरेंगे / ठहरेंगी। (भवि.अ. पु. बहु . )
(21)
प्राकृत - हिन्दी- व्याकरण ( भाग - 2 )
Jain Education International
=
For Personal & Private Use Only
=
www.jainelibrary.org