Book Title: Prachin Jain Itihas Sangraha Part 05
Author(s): Tribhuvandas Laherchand Shah
Publisher: Ratnaprabhakar Gyanpushpmala

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Page 15
________________ महाराज सम्प्रति के शिलालेख ५२० Attenmentof Supr- ३५ ई० पू० ५६५ eme. Knowledge ५७ निर्वाण' ई० पू० ५४३ ई० पू० ५५६ ४२८० परिनिर्वाण' ई० पू० मोक्ष ('death निर्वाण ) ७२ ई० पू० ५२६ उपरोक्त कोष्ठक से यह भी सिद्ध हो जाता है कि बुद्ध के समस्त जीवन-काल'२ में ही भगवान् महावीर का समय था, उनका जन्म बुद्ध के दो वर्ष बाद और मोक्ष बुद्ध के मोक्ष के ६ वर्ष पूर्व ही होगया है। इस तरह दोनों के श्रायु काल में ८ वर्षों का अन्तर है । महावीर की आयु ७२ तथा बुद्ध की ८० वर्ष की है। इस भाँति ये दोनों संवत् निम्नलिखित रूप में सिद्ध हो जाते हैं। महावीर संवत् ( मृ० संवत् ) ईसा पूर्व ५२६ बुद्ध संवत् (१०-११) दक्षिण हिंद वाले (सिंहली, वर्मी, स्यामी) बुद्ध निर्वाण से संवत् गणना करते हैं और उत्तर हिन्द वाले-बुद्ध परिनिर्वाण से संवत् गिनते हैं और इसी कारण इन दोनों संवतों में २२-२३ वर्ष का अन्तर है। महावंश उत्तर हिन्द की और दीपवंश दक्षिण हिन्द की धर्म पुस्तक है जिनसे उन दोनों में उपरोक्त कथनानुसार ही २२-२३ वर्ष का अन्तर रहता है। (१२) जिस समय वुद्ध भगवान् संग्राम ग्राम में थे वहाँ उन्हें समाचार मिला कि उनके प्रतिद्वन्द्वी महावीर ने पावापुरी में निर्वाण प्राप्त की है और निर्ग्रन्यों में बड़ी फूट हो रही है। (दिनकाय पृ० ११७ और प्रागे २०१ और आगे एवं मजिममनिकाय II पृ० २४२ के आगे, इण्डियन एण्टीकरी १६१० पृ० १७७)। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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