Book Title: Prabhu Veer evam Upsarga
Author(s): Shreyansprabhsuri
Publisher: Smruti Mandir Prakashan

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Page 24
________________ प्रभूवीर एवं उपसर्गमा बिक 59 नयसार महात्मा को आग्रहसहित भोजन अर्पण करते है। सम्यक्त्व की प्राप्ति नयसार शाम ढलते ही महात्माओं को स्वयं विनती करता है। भगवन् ! पधारीए, आपराह भूले हो, मैं आपको मार्ग पर चढा दूँ।तब सज्ज महात्माओं को रास्ता दिखाने भी स्वयं चलता है। उस समय उन महात्माओं में से देशनालब्धिसंपन्न एक महात्मा नयसारकी सुबह से शाम तक की विवेकभरी महात्मा के पास श्रद्धापूर्वक नमस्कार महामंत्र का श्रवण करते हुए नयसार ।

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