Book Title: Prabhu Veer evam Upsarga
Author(s): Shreyansprabhsuri
Publisher: Smruti Mandir Prakashan

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Page 81
________________ आभूषण के डिब्बे से अंगूठी मिलने पर उसे सीपाहियों नें हथकडी पहना दी। सेठ के घर में एवं गाँव में सन्नाटा छा गया। नगर के बाजार बीच होकर श्रेष्ठपुत्रको ले जाया जायेगा तो क्या होगा ? याद रखो कि राजा धर्मप्रिय है, भी अथवा द्वेषी नहीं है। वे सच्ची बात समझाने की युक्ति प्रस्तुत कर रहा हैं । नगर के लोग इकट्ठे होकर झुंड में राजदरबार की ओर आने लगे । लग रहा है. कि दरबार में कोई तमाशा का आयोजन हो । राजाजी के पास पहुँचकर सेठ हाथ-पाँव जोड़ते हैं । निवेदन करते हैं, महाराज, एक अपराध माफ कर दीजिये, अब ऐसा अपराध नहीं होगा। यह कैसे हुआ वह समझ में ही नहीं आता है । आप बोले तो मैं अपनी सारी संपत्ति राज को समर्पित कर दूँ लेकिन मेरे पुत्र को छोड़ दीजिये । लेकिन वे तो राजा हैं न ? राजा कहते कि सेठ-साहुकार के. वेश में ऐसा धंधा ? मृत्युदंड से थोड़ी भी कम सजा नहीं होंगी । 1 1 सेठ की काफी विनती (चिरौरी ) पश्चात् राजा ठंढा होने का दिखावा करते कहते हैं कि यदि तुम्हारा लड़का मेरा कहा मानने को तैयार होगा तो उसे जीवित छोड़ दूंगा। क्या राजा उस राजसभा की बात स्वीकारने की बात कहते होंगे ? ना... ऐसे जोर-जुल्म से धर्मप्रदान कराया नहीं जाता। अलबत् जीव विशेष के लिये जो उपाय उचित लगे उसे किया जाता है । परन्तु, यहाँ राजा खूब समझदारीपूर्वक काम लेना चाहते हैं। तुम्हारा मन कहां था ? राजाजी कहते हैं कि 'सेठ, तुम्हारा लड़का सीधे कटोरे में छलछल भरा हुआ सीधी हथेली में रखकर नगर के सभी मुख्य मार्ग पर घुमने के लिये निकले और एक बूंद भी तेल बाहर नहीं गिरे, चारों ओर घुमते-घुमते राजसभा 1 ये तो उसकी सजा माफ कर दी जायेगी । है उसकी तैयारी ?' सेठ एवं उसके पुत्र ने स्वीकृतिसूचक हाँ मी भरी। राजा के सूचन मात्र से पूरे नगर को सजाया गया, जगह-जगह पर पाँचो इन्द्रियों के अनुकूल विषयवस्तुएँ रखी गयी । गीत-संगीत, नाटक आदि मनोरंजन के उपकरण रखे गये । रूपवती ललनाओं का नृत्य-गान आयोजन, सुगंधित - सुवासित चूर्ण, गुटिकाएँ रखी गयी । अनेक खाद्य-पेय वस्तुओं की रचना, मुलायम वस्तुओं का ढेर स्थानस्थान पर रखा गया। इसके बाद श्रेष्ठिपुत्र को तेल का कटोरा हाथ में लेकर पूरे गाँव घूमने के लिये रवाना करते हुए कहा गया कि- तेल का एक बूंद भी जमीन पर गिरा कि सिपाही द्वारा तुम्हारा सिर देह से अलग कर दिया जायेगा। जबकि 66 प्रभूवीर एवं उपसर्ग

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