Book Title: Porwar Mahajano Ka Itihas
Author(s): Thakur Lakshmansinh Choudhary
Publisher: Thakur Lakshmansinh Choudhary

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Page 9
________________ हर समय ब्राह्मण तथा वैश्यों की कभी ही बता रहा है । इस कमी के अन्य अनेक कारणों में से, बाल विवाह, वृद्ध विवाह, कन्या विक्रय, धर्म भिन्नता, भिन्न प्रांतों का निवास तथा ऐतिहासिक अनभिज्ञता, ये मुख्य मुख्य कारण हैं । कई ज्ञातियों में कन्याओं की कमी है तो कहीं पुत्रों की कमी है। इन सब त्रायों से छुटकारा पाने की अब आवश्यकता है । सबसे पहिला अच्छा से अच्छा और सुलभ उपाय कूपमंडूकता छोडकर ज्ञातियोंको फिरसे विशाल रूप देने का है। प्रांतीय भिन्नता न रखते कम से कम एक नाम धारण करने वाली ज्ञाति में, भारत भर में रोटी बेटी व्यवहार प्रचलित किया जावे | यह कोई बड़ा कठिण कार्य नहीं है । भिन्न भिन्न प्रांतों में रहने वाले एक ही नाम के ज्ञाति संघ एक ही ज्ञाति के हैं, भिन्न ज्ञातियां नहीं ऐसी ऐतिहासिक शोध खोल कर प्रमाण युक्त सिद्ध कर दिया जावे तो एक ज्ञातीयता का प्रश्न सहज हल हो सकता है । यह पुस्तक लिखने के उद्देशों में से यह एक मुख्य उद्देश है । इस कार्य के फलीभूत होने के मार्ग में एक और भी कठिण रोडा अटकता है । वह है धर्म विभिन्नता । धर्म के ठेकेदार बन बैठे हुए हमारे लोग दूसरे धर्म के द्वेषी बनकर अपने अपने अनुयायियों से प्रतिज्ञा करवाते हैं कि वे अपनी संतान का लग्न संबंध स्वज्ञातीय परंतु अन्य धर्मी माता पिता की संतान से कदापि न करेंगे । वे समझते होंगे

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