Book Title: Paumchariu ka Kriya Kosh
Author(s): Kamalchand Sogani, Shashiprabha Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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उल्लुक्क व 3/1 (15.3.9)
उल्लोल उछलना
उल्लोलइ व 3 / 1 ( 14.3.4) शान्त होना
उवसम
उवसमइ व 3 / 1 ( 57.1.6)
उव्वड उछलना
उव्वडइ व 3/1 (29.9.5)
उव्वर शेष रहना, उबरना
उव्वरन्ति व 3/2 (66.3.5)
उव्वर व 3/1 (78.2.3)
उव्वेल्ल नाचना
उव्वेल्लइ व 3 / 1 34.3.8
ओवड ओवडइ व 3/1 (64.5.4)
ओवडन्ति व 3 / 2 ( 64.6.3)
ओसर पीछे हटना
ओसरइ व 3 / 1 ( 8.3.7)
ओसरन्ति व 3 / 2 (25.6.2)
ओसरहि विधि 2/1 ( 33.8.8) ओसरु विधि 2/1 (49.18.1) ओसरमिव 1 / 1 ( 58.13.9)
ओहट्ट हटना
ओहि व 2 / 1 (8.8.9)
2]
ओ
कूदना, नीचे गिरना
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कंप काँपना
कंपन्ति व 3 / 2 (90.10.3)
कंपइ व 3/1 (22.2.4)
कंपए व 3/1. (42.10.6)
कंद
चिल्लाना
कंदइ व 3 / 1 ( 8.2.9)
कलह
झगडा करना कलहन्ति व 3 / 2 (86.8.5)
कहकह ठहाका लगाना
कहकहन्ति व 3 / 2 ( 32.9.8) किलकिल किलकारी मारना
किलकिलइ व 3/1 (1.5.7)
किलकिलन्ति व 3 /2 (32.9.8) कील क्रीडा करना
कीलन्ति व 3 / 2 ( 26.7.7)
सडना (समाप्त होना)
कुह
कुहन्ति व 3 / 2 ( 33.7.9)
ख
खल
स्खलित होना
खल
व 3 / 1 51.13.7)
खस गिरना, च्युत होना
खसइ व 3/1 (78.3.1)
[ अपभ्रंश महाकवि स्वयंभू के पउमचरिउ का क्रिया - कोश
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