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शोक करना
(37.5.9)
( 41.18.6)
शोषण करना
सोअ / सोय
सोयहि व 2 / 1
सोअइ व 3 / 1
सोस
सोहि व 2 / 1
सोम व 1 / 1
( 77.2.6)
( 56.6.2)
हक्कार पुकारना हक्कारइ व 3/1 (7.1.9)
हण वध करना
हणइ व 3/1 (21.6.9)
हणु विधि 2/1
(27.9.3)
हणमि व 1/1
हत्थुत्थल्ल
(43.9.5)
हाथ उठाकर
आदेश देना
हत्थुथल्लहि विधि 2/1 (21.6.4)
मारना
हम्म
हम्मइ व 3 / 1
(7.9.6)
हम्मान्ति व 3 / 2
(25.6.1)
हर हरण करना, छीनना
हरइ व 3/1
(21.10.5)
हरमिं व 11 (36.10.5)
हार
हारना
•
हारइव 3/1 (25.1.9)
हिंस
हसना, पीड़ा देना
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हिंसन्ति व 3 / 2 ( 25.4.3)
हिंड
भ्रमण करना
हिंडन्ति व 3 / 2 ( 43.1.8)
नोट:* पउमचरिउ में 'हो' प्रत्यय का प्रयोग विधिकाल के मध्यम पुरुष एकवचन में हुआ है। 'हु' प्रत्यय का प्रयोग विधिकाल के मध्यम पुरुष एकवचन एवं बहुवचन में हुआ है।
अपभ्रंश भाषा का अध्ययन, वीरेन्द्र श्रीवास्तव
पृष्ठ संख्या 212-213
अपभ्रंश महाकवि स्वयंभू के पउमचरिउ का क्रिया-कोश ]
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