Book Title: Paumchariu ka Kriya Kosh
Author(s): Kamalchand Sogani, Shashiprabha Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 40
________________ मेल्लावमि व 1/1 प्रे. (73.10.2 ) मोक्कल मुक्त करना मोक्कलहि आज्ञा 2 / 1 (85.5.2) मोड मोडना मोडन्ति व 3 /2 मोडइ व 3/1 मोडमि व 1/1 मोह मुग्ध करना मोहइ व 3/1 (49.9.8) (7.2.8) (27.3.8) (74.3.7) Jain Education International लंघ लांघना लंघम व 1 / 1 ( 29.4.5) ल लेना लइ लक्ख देखना fafe 2/1 (30.3.8) ल लक्खइ व 3/1 (24.3.8) लग्ग लगना रक्ख रक्षा करना रक्खहं व 1/2 (15.10.7) रक्ख व 1 / 1 ( 38.13.6) रक्खहि आज्ञा 2/1 (43.8.5) रंज खुश करना रंजमि व 1/1 (59.4.6) रय . बनाना रवि 11 (81.2.4) रस आवाज करना रसइ व 3/1 (27.2.6) रसन्ति व 3 / 2 ( 82.14.5) रुंभ अवरुद्ध करना भइ व 3/1 (25.15.2) रोक्क रोकना रोक्कइ व 3 / 1 (17.9.3) अपभ्रंश महाकवि स्वयंभू के पंउमचरिउ का क्रिया-कोश ] लग्गइ व 3/1 (9.10.5) लग्गेस भवि 3 / 1 ( 18.6.9) लग्गउ fafer 3/1 (38.15.1) लग्गेसमि भवि 1 / 1 ( 40.13.10) लग्गमिव 1 / 1 (40.14.4) लब्म प्राप्त करना लब्भइव 3/1 (4.12.4) लब्भन्ति व 3 / 2 ( 39.5.2) लय धारण करना लयन्ति व 3 / 2 (7.2.6) लल झूलना ललइ व 3/1 (14.7.8) लव बोलना लवन्ति व 3 / 2 ( 27.15.7) लवइ व 3/1 (62.2.1) लह प्राप्त करना लहमि व 1 / 1 (12.1.6) लह व 3 / 1 ( 33.6.6) सहुं भवि 1/2 (87.4.7) For Personal & Private Use Only [31. www.jainelibrary.org

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