Book Title: Paumchariu ka Kriya Kosh
Author(s): Kamalchand Sogani, Shashiprabha Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 42
________________ वलग्गइ व 3/1 (18.5.9) विघोस घोषणा करना वस रहना विघोसइ व 3/1 (80.1.8) वसइ व 3/1 (34.5.2) विज्ज हवा करना वह धारण करना/ मारना विज्जेइ व 3/1 (78.7.7) . वहइ व 3/1 (4.5.3) विज्झ छेद देना वहन्ति व 3/2 (75.10.10) विज्झइ व 3/1 (2.6.3) वहहि व 2/1 (88.4.10) विणड प्रताडित करना वहेसइ भवि 3/1 (6.11.3) विणडेसइ भवि 3/1 (40.14.5) वा बजाना विणास नष्ट करना । वाइ व 3/1 (42.10.7) विणासइ भवि 3/1 (41.15.2) वाय पढ़ाना विणिवाय मार गिराना वायइ व 3/1 (26.20.1) | विणिवायइ व 3/1 (17.9.5) वार रोकना विणिवार रोकना वारइ व 3/1 (62.1.9) विणिवारइ व 3/1 (75.16.1) वावर आक्रमण करना विणिवारेसइ भवि 3/1 (76.9.7) वावरन्ति व 3/24 (43.15.7) विण्णव निवेदन करना वास सुवासित होना विण्णवइ व 3/1 (4.14.3) वासइ व 3/1 (3.3.9) विण्णवन्ति व 3/2 (83.4.3) वाह आक्रमण करना/चलाना . विण्णास प्रदर्शन करना वाहमि व 1/1 (11.5.2) विण्णासहि विधि 2/1 (25.12.2) वाहहि विधि 2/1 (49.10.5) वित्थार फैलाना वाहि विधि 2/1 (17.6.2) वित्थारमि व 1/1 (53.2.10) . वाहे विधि 2/1 (75.13.1) विद्ध बेधना वाहइ व 3/1 (88.4.4) विद्धइ व 3/1 (15.3.7) विअक्ख कहना विन्ध बेधना विअक्खइ व 3/1 (78.2.1) विन्धइ व 3/1 (17.12.5) विक्खिर फैलाना, बिखेरना वियप्प विचार करना विक्खिरन्ति व 3/2 (31.6.4) वियप्पइ व 3/1 (52.6.5) अपभ्रंश महाकवि स्वयंभू के पउमचरिउ का क्रिया-कोश ] [33 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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