Book Title: Paumchariu ka Kriya Kosh
Author(s): Kamalchand Sogani, Shashiprabha Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 23
________________ आलव आलवइ आलाव आलावइ व 3/1 (28.5.9) आलिंग आलिंगन करना आलिंगइ व 3 / 1 ( 87.14.9) आलिह चित्र बनाना आलिहइ व 3/1 (72.3.5) आव आना बातचीत करना व 3/1 (18.9.2) बातचीत करना आवइ व 3/1 (12.1.9) आवेसइ भवि 3/1 (16.8.4) आवमि व 1/1 (31.2.4) आवन्ति व 3 / 2 ( 42.10.4) आहुं व 1/2 (71.17.9) आवड अच्छा लगना आवडइ व 3/1 (41.7.9) आसंक आशंका करना आसंकइव 3/1 (44.11.1) आसंघ आसंघमि व 1/1 (40.14.2) आघात करना हन्ति व 3 / 2 ( 25.6.1) आहणइ व 3/1 (36.7.7) आहिण्ड आहण 14] घूमना आहिण्डइ व 3 / 1 ( 10.12.9) अभिलाषा करना Jain Education International इच्छ इच्छा करना इच्छइ व 3/1 (15.12.5) इच्छहि विधि 2 / 1 ( 38.8.6) इच्छेसइ भवि 3 / 1 ( 38.19.3) इच्छमि व 11 (49.14.9) ई ईह चेष्टा करना ईहहि व 2 / 1 (41.6.4) उ उग्गाम ऊपर उठाना उगम व 3 / 1 ( 25.14.8) उग्गल उगलना उग्गिलइ व 3/1 (78.2.5) उग्घोस घोषणा करना उग्घोसइ व 3/1 (77.2.7) उच्चार उच्चारइ व 3/1 ( 38.16.5) उत्तर पार करना उत्तरमि व 1/1 (68.12.7) उत्थर आक्रमण करना उत्थरइ व 3/1 (30.6.9) For Personal & Private Use Only उच्चारना, बोलना [ अपभ्रंश महाकवि स्वयंभू के पउमचरिउ का क्रिया-कोश www.jainelibrary.org

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