Book Title: Paumchariu ka Kriya Kosh
Author(s): Kamalchand Sogani, Shashiprabha Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 29
________________ छंडइ व 3/1 (64.4.9) जाणहु व 2/2 (4.5.2) छिज्ज छेदना जाणइ व 3/1 (4.5.4) छिज्जइ व 3/1 (81.7.4) जाणहि व 2/1 (5.16.5) छिंद छिन्न-भिन्न करना जाणमि व 1/1 (11.5.5) छिंदन्ति व 3/2 (7.14.4) जाणहुँ व 1/2 (17.7.2) । छिंदमि व 1/1 (29.4.4) जाणन्ति व 3/2 (59.10.7). छिंदइ व 3/1 (38.10.5) जाणावइ व 3/1 प्रे. (23.5.10) छिव छूना जिण जीतना .. छिवइ व 3/1 (76.12.7) जिणइ व 3/1 (4.9.2) छुह फैंकना जिणमि. व 1/1 (16.12.9) छुहमि व 1/1 (63.12.6) जिणेसइ भवि 3/1 (43:6.7) जुप्प जोडना। जुप्पेसइ भवि 3/1 (77.7.7) : जेम्म भोजन करना जगड झगडा करना जेम्मइ व 3/1 (21.2.2) जगडइ व 3/1 (10.7.5) जो देखना जण उत्पन्न करना जोइ व 3/1 (51.13.3) जणइ व 3/1 (7.12.3) जोअ/जोय देखना जणमि व 1/1 (69.1.6) जोयइ व 3/1 (24.1.8) जंप कहना जोअइ व 3/1 (33.11.9) जपइ व 3/1 (12.1.1) जोयहि व 2/1 (88.1.6) जंपए व 3/1 (42.10.6) जोअहि विधि 2/1 (49.13.6) जंपहि व 2/1 (70.8.10) जोएइ व 3/1 (71.5.8) जंपमि व 1/1 (89.1.11) जोयन्ति व 3/2 (86.4.6) जयकार जयकार करना जोव देखना जयकारइ व 3/1 (25.1.9) जोवइ व 3/1 (7.10.6) जयकारमि व 1/1 (26.18.9) जोवहि विधि 2/1 (39.9.1) जाण जानना, समझना 20] [अपभ्रंश महाकवि स्वयंभू के पउमचरिउ का क्रिया कोश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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