Book Title: Paumchariu ka Kriya Kosh
Author(s): Kamalchand Sogani, Shashiprabha Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 24
________________ उत्थरन्ति व 3/2 (43.15.7) उत्थरमि व 1/1 (62.10.4) उद्धार उद्धार करना उद्धारमि व 1/1 (89.11.3) उद्धाल छीन लेना उद्घालमि व 1/1 (52.7.5) उपपेक्ख देखना उप्पेक्खमि व 1/1 (26.20.7) . उप्पाड उखाडना उप्पाडइ व 3/1 (25.13.7) उप्पाडमि व 1/1 (38.6.6) उप्पाय उत्पन्न करना उप्पायमि व 1/1 (6.11.3) उप्पायइ व 3/1 (12.12.8) उब्म ऊँचा करना । उभहि व 2/1 (49.10.4) उब्मास : प्रकाशित करना उभासइ व 3/1 (41:15.2) उम्मह छोडना उम्महइ व 3/1 (34.8.8) उल्हाव शान्त करना । उल्हावमि व i/1 (20.9.3). उल्हावइ व 3/1 (24.1.6) उवगर उपकार करना उवगरमि व 1/1 (88.9.10) उवडस . डसना उवडसइ . व 3/1 (78.3.1) उवदुक्क आना उवढुक्कइ व 3/1 (85.4.11) उवसंघर उपसंहार उवसंघरमि व 1/1 (36.11.5) उवसंघरइ . व 3/1 (78.2.3) उवहास उपहास करना उवहासइ व 3/1 (84.4.7) उव्वह उठाना, उद्वेलित होना उव्वहन्ति व 3/2 (1.10.6) उव्वहइ व 3/1 (13.10.9) उव्वेढ बंधन मुक्त करना उव्वेढइ व 3/1 (70.4.10) उव्वेल्ल उद्वेलित करना उव्वेल्लइ व 3/1 (30.6.6) ऊसस उच्छ्वास लेना ऊससइ व 3/1 (27.3.8) ए आना एन्ति व 3/2 (5.12.5) एसइ भवि 3/1 (21.1.9) एइ व 3/1 (45.7.9) एमि व 1/1 (69.1.5) अपभ्रंश महाकवि स्वयंभू के पउमचरिउ का क्रिया-कोश ] [15 . Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50