Book Title: Paumchariu ka Kriya Kosh
Author(s): Kamalchand Sogani, Shashiprabha Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 10
________________ अकर्मक क्रियाएं अ बैठना, रहना, होना अच्छ अच्छहि व 2 / 1 (6.12.9), अच्छन्ति व 3 / 2 (16.7.5) अच्छहु* विधि 2/1 (22.10.9) अच्छहुँ व 1/2 (42.3.4) अच्छइ व 3 / 1 (11.3.4) अच्छि विधि 2/1 (25.20.3 ) अच्छउ विधि 3/1 (26.4.2) अच्छु विधि 2 / 1 ( 40.11.8) अच्छमि व 1 / 1 ( 38.19.2) अमिट्ट सामने आकर भिड़ना, लडना 31/1 (49.2.6) अब्भट्ट व 3/1 (17.9.3) अब्मिड भिडना भइ व 3 / 1 ( 53.1.7) अभिडन्ति व 3 / 2 ( 64.6.3) आ आवट्ट विलीन होना आवट्टइ व 3/1 (5.4.9) Jain Education International उक्कोव उद्वेलित करना उक्कोवइ व 3/1 (36.11.9) उग्गम. उगना બ उग्गमइ व 3/1 (83.4.7) उच्छल उछलना उच्छलइ व 3/1 (23.13.8) उच्छह उत्साहित होना उच्छहइ व 3/1 (16.3.10 ) उट्ठ उठना उट्ठन्ति व 3 / 2 ( 25.4.1) उट्ठइ व 3/1 (32.1.9) उव1/1 (62.12.9) उड्ड उडना उड्डन्ति व 3 /2 (77.14.3) उड्डुइ व 3/1 (1.5.4) उड्डुहि विधि 2 / 1 ( 38.8.7) उत्थल्ल उछलना उत्थल्लमि व 1/1 (49.2.3) उप्पज्ज उत्पन्न होना उप्पज्जइव 3/1 (5.1.5) उपज्जन्ति व 3 / 2 ( 34.2.8) उल्लल उछलना अपभ्रंश महाकवि स्वयंभू के पउमचरिउ का क्रिया-कोश ] उल्लइ व 3 / 1 ( 53.6.6) उल्लुक्क छिपना उल्लुक्कहो* विधि 2/1 (14.5.4) For Personal & Private Use Only [1. www.jainelibrary.org

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