Book Title: Paumchariu ka Kriya Kosh
Author(s): Kamalchand Sogani, Shashiprabha Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 14
________________ णीसस श्वास छोडना णीससइ व 3/1 (26.20.8) ण्हा नहाना ण्हाइ व 3/1 (1.5.5) ण्हाहो* विधि 2/1 (14.5.4) ण्हन्ति व 3/2 (26.15.5) ण्हामि व 1/1 (62.7.9) त णंद आनन्दित होना णंदइ व 3/1 (25.19.5) णिग्ग निकलना णिग्गइ व 3/1 (11.13.1) णिग्गन्ति व 3/2 (37.11.8) णिट्ट नष्ट होना णिट्ठन्ति व 3/2 (75.19.1) णिवड गिरना णिवडन्ति व 3/2 (15.4.4) णिवडइ व 3/1 (23.2.12) णिव्वड प्रकट होना णिव्वडइ व 3/1 (16.5.9) णिवस रहना णिवसई व 3/1 (81.8.3) णिवसेसहुँ भवि 1/2 (86.11.6) • णिवसहि व 2/1 (7.12.5) णिवसन्ति व 3/2 (90.10.8) णिव्वह निर्वाह करना, व्यतीत करना णिव्वहइ व 3/1 (16.3.10) णीव शांत होना . . णीवइ व 3/1 (55.8.9) . णीसर बाहर निकलना णीसरउ विधि 3/1 - (19.4.6) णीसरइव 3/1 (15.11.4) णीसरन्ति व 3/2 (23.9.6) णीसरु . विधि 2/1 (27.13.7) तव तपना तवइ व 3/1 (23.2.10) तवउ विधि 3/1 (17.18.7) तवन्ति व 3/2 (79.6.6) तस त्रास पाना/ त्रस्त करना तसइ व 3/1 (31.4.5) तूस खुश होना/ सन्तुष्ट होना तूसइ व 3/1 (81.11.9) थ थक्क ठहरना थक्कहि विधि 2/1 (17.14.2) थक्कइ व 3/1 (10.3.9) थक्कु विधि 2/1 (20.9.5) थक्कमि व 1/1 (85.6.3) थरहर काँपना थरहरेइ व 3/1 ( 32.2.2 ) अपभ्रंश महाकवि स्वयंभू के पउमचरिउ का क्रिया-कोश ] [5. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50