Book Title: Pattavali Parag Sangraha
Author(s): Kalyanvijay Gani
Publisher: K V Shastra Sangrah Samiti Jalor

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Page 7
________________ विष या नुक्रम प्रथमपरिच्छेद [सौत्रपट्टालियां] पृष्ठ १ से १४ ३१ ३२ ३३ मंगलाचरण कल्प-स्थविरावली ( उपोद्घात ) कुल गण और शाखाएँ मूल कल्प-स्थविरावली स'नुवाद श्रोदेवद्धिगणि की गुरु-परम्परा कल्प-स्थविरावली की प्राचीनता की कसोटी गण शाखा कुलों में परिमार्जन स्थविरावली की प्राचीनता नंदी स्थविरावली सानुवाद माथुरी वाचनानुगत स्थविर क्रम वालभी वाचनानुगत स्थविर क्रम श्रीदेवद्धिगरिण क्षमाश्रमण को गुर्वावलो श्वेताम्बर जैनों के आगम निह्नवों का निरूपण प्राचीन स्थविर-कल्पी जैनश्रमणों का माचार श्वेताम्बर सम्प्रदाय को प्राचीनता कषायप्राभृतकार गुणधर प्राचार्य श्वेताम्बर थे यापनोय शिवभूति के वंशज थे शिवभूति से दिगम्बर सम्प्रदाय का प्रादुर्भाव Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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