Book Title: Pasanahchariyam
Author(s): Padmkirti
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

Previous | Next

Page 7
________________ पासणाहचरिउ में धार्मिक चिंतन जैनेतर मतों का उल्लेख जैनधर्म का विवेचन सम्यक्त्व का स्वरूप श्रावक धर्म अणुव्रत गुणवत शिक्षावत मुनिधर्म कर्मसिद्धान्त विश्व के स्वरूप का वर्णन सामाजिक रूपरेखा पासणाहचरिउ की शब्दावलि पासणाहचरिउ में काव्यगुण Jain Education International पासणाहचरिउ एक महाकाव्य पासणाहचरिउ में प्रकृति वर्णन स्त्रीपुरुष वर्णन युद्धवर्णन रस तथा अलंकार पासणाहचरिउ के छन्द कडवक का आदिभाग कडवक का मध्यभाग कडवक का अन्त्यभाग मात्रावृत्त पादान्त लघु गुरु का विचार चतुष्पदी घत्ते षट्पदी घत् पासणाहचरिउ की व्याकरण शब्दों की वर्तनी वर्तनी संबंधी अन्य परिवर्तन संधि For Private & Personal Use Only ५४ ५४ ५४ ५४ ५६. ५६ ५७ ५७. ५८ ६० ६० ६१ ६३ ७० ७० ७१ ७२ ७३ ७४ ७५. ७६ ७९. ८७ ८० ८८ ९० ९५. ९९ ९९. १०२ १०६. www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 538