Book Title: Paia Pacchuso
Author(s): Vimalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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१०१
पाइयपच्चूसो
पुच्छेइ केसी विवरं तयाणिं, हुवेइ किं कूडगिहस्स तस्स । साहेइ भूवो अण होइ तस्स, चवेइ केसी य तयाणि तं य ॥६५॥ छिदं विणा भूव ! जहा य बाहिं, गमेइ भेरीअ रवं य झत्ति । जीवो तहा अप्पडिणासजाणो, पहू य गंतुं य असेसलोए ॥६६ ॥ भेत्तूण अहिं पुढविं सिलं य, अओ कुणेज्जा इर पच्चओ तं जीवो सरीराउ य अत्थि भिन्नो, कयाइ सो अत्थि ण एगरूवो ॥६७ ॥
(जुग्ग) सोऊण केसिस्स वयं य इत्थं, चवेइ भूवो अवरं य वत्तं । एगया हं रायसहाअ आसि, अणेगमच्चेहि समं तयाणिं ॥६८ ॥ घेत्तूण एगं किर तक्करं य, समागओ मे पुररक्खगो य । दळूण मंतुं पउरं य तस्स, अयस्स कुंडे ममए य खित्तो ॥६९ ।। कुंडं य सम्मं पिहिऊण तत्थ, णिओइआ४ केइ णरा ममाइ । उग्घाडिओ सो ममए तयाणिं, जया अणेगे दिवसा वईआ ॥७० ॥ कुंडो तया कीडगसंकुलो य, णिहालिओ णो विवरं य किं वि । छिदं विणा तत्थ कहं य कीडा, समागया अच्छरियं य चित्ते ॥७१ ॥ दट्ठण कीडा अहयं य तत्थ, विआणिओ" णो किर अस्थि भिन्नो । जीवो सरीराउ दढं मयं मे, ण अण्णहा तत्थं कहं य कीडा ॥७२॥ सोऊण इत्थं वयणं णिवस्स, कहेइ केसी समणो य तं णं ।। धंतो तए किं लोहमयो य गोलो, णिहालिओ राय ! कयाइ अत्थ ॥७३ ॥ 'आम' त्ति भूवो पिसुणेइ केसी, तयाणि पुच्छेइ पुणो इणं तं । किं होइ सो छिद्दमयो य गोलो, जओ य अग्गी पविसेइ तम्मि ॥१४॥ ‘णाई' ति भूवो य तया चवेइ, कहेइ केसी वयणं इणं तं ।। छिदं विणा राय ! जया य वण्ही, रिएइ१६ गोलम्मि तहेव भूव ! ॥७५ ॥ जीवो वि सव्वत्थ चएइ गंतुं, ण कं वि संकं हिअयम्मि कुज्जा । सोऊण केसिस्स इमं य वाणिं, चवेइ भूवो अवरं य वत्तं ॥७६ ।।
___(जुग्ग) एगो णरो जाव अयस्स भारं, चयेइ वोढुं इर जोव्वणम्मि । वोढुं ण सक्को विवहं स ताव, जरं य लहेंऊण परं य अत्थ ॥७७ ।।
(१३) अप्रतिनाशयान: अप्रतिहतगति: इत्यर्थः । (१५) विज्ञात:
(१४) नियोजिता । (१६) प्रविशति (प्रविशेरिअ:-प्रा.व्या.८।४।१८३) ।
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