Book Title: Padmavati Purval Digambar Jain Jati ka Udbhav aur Vikas
Author(s): Ramjit Jain
Publisher: Pragatishil Padmavati Purval Digambar Jain Sangathan Panjikrut

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Page 7
________________ सर्वश्री पदमचन्द जैन, शुकलचन्द जैन (दिल्ली धर्मपुरा) का जो आत्मीय सहयोग मिला है, उसकी प्रशंसा के लिए हमें शब्द नहीं सूझ रहे हैं। इस कार्य में सर्वश्री पवन कुमार जैन एटा, राजीव जैन वसुंधरा (गाजियाबाद), श्री अजित कुमार जैन इन्द्रापुरम, हेमचन्द जैन इन्दौर, सर्वश्री रमेशचन्द जैन कागजी, सतीश जैन (गुड्डू भाई), नरेशचन्द जैन कागजी, राजेश बहादुर, सुवीर्ण कुमार, संजीव जैन स्टील वाले, अनिल जैन चित्रकार, श्री दीपक गुप्ता (सभी दिल्ली) का भी सराहनीय सहयोग मिला है। प्रकाशन में बुकमैन प्रिन्टर्स के श्री राजीव जैन की प्रशस्त रुचि एवं तत्परता के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। प्रूफ-संशोधन में भाई जगदीशचन्द जैन (पत्रकार, नवभारत टाइम्स) ने जो श्रम किया है, वह निःसन्देह अभिनन्दनीय है। आभारी हूं ग्वालियर के विद्वतवर डॉ. अभय प्रकाश जैन एवं इंजी. सुरेशचन्द्र जैन का, जिन्होंने हमें पद्मावतीपुरवाल जाति के उद्गम-स्थल पवाया की यात्रा कराते हुए अनेक नए सन्दर्भो से परिचित कराया। साहित्य मनीषी सर्वश्री डॉ. राजाराम जैन, पं. शिवचरन लाल, लालबहादुर सिंह (पुरातत्व अधिकारी), महेन्द्रकुमार जैन, नीरज जी, डॉ. कपूरचन्द जैन, सुरेश जैन 'सरल' आदि का भी कृतज्ञ हूं, जिन्होंने हमारे विनम्र अनुरोध को स्वीकार कर हमें अपने विचार प्रेषित किए, उससे इस ग्रन्थ की गरिमा बढ़ी है। और भी ऐसे अनेक नाम हैं, जिनका बहुमूल्य योगदान इस कृति को आकार देने में हमें मिला है। वे सब अपने ही हैं, स्वयं समझ लेंगे कि उनके प्रति हमारे मन में कितना आदर का भाव है। विनीत प्रताप जैन (प्रबन्ध सम्पादक)

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