Book Title: Padartha Vigyana
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Jinendravarni Granthamala Panipat

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Page 15
________________ xv चमत्कार २०१, १४.पुद्गलका स्वभाव-चतुष्टय २०३, १५.पुद्गलको जाननेका प्रयोजन २०५ । ९. प्राकाश द्रव्य २०६ १ आकाश अमूर्तिक २०६, २ आकाश व्यापक २०८, ३.आकाश नित्य है २०९, ४ आकाश निर्लेप है २०९, ५ शब्द आकाशका गुण नही २१०, ६.लोकालोक विभाग २१४, ७.लोकका आकार तथा विभाग २१६, ८ आकाश द्रव्यके प्रदेश २२०, ९ लोकका माप २२२, १० बडा पदार्थ थोडेमे कैसे समाये २२४, ११ आकाशकी सिद्धि २२४, १२ व्योम-मण्डलकी विचित्रता २२५, १३ अवगाहनत्व गुण २२९, १४ आकाशका स्वभाव-चतुष्टय २३१, १५ आकाश द्रव्य जाननेका प्रयोजन २३२ । १०. धर्म-अधर्म पदार्थ २३३ १ जीव पुद्गलके सहायक पदार्थ २३३, २ धर्म-अधर्म द्रव्यके आकार २३४, ३ धर्म-अधर्म द्रव्यका कार्य २३५, ४ लोकालोक विभाग २६७, ५ धर्म द्रव्यकी सिद्धि २३८, ६ धर्म-अधर्मके स्वभाव-चतुष्टय २३९ । ११. काल-पदार्थ २४० १ कालकी विचित्रता २४०, २.काल क्या है २४१, ३.कालका आकार २४२, ४.कालका गुण २४३, ५ कालके भेद तथा सिद्धि २४६, ६ कालचक्र २४७, ७ समय-विभाग २५२, ८.कालके स्वभाव-चतुष्टय २५३, ९ कालद्रव्यको जाननेका प्रयोजन २५३ ।

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