Book Title: Padartha Vigyana
Author(s): Jinendra Varni
Publisher: Jinendravarni Granthamala Panipat

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Page 14
________________ XIV ८.श्रद्धा और रुचि १४७; ९.सकोच-विस्तार १४८, १० गुणोंके भेद-प्रभेद १४९; ११ ज्ञानके भेद १४९; १२ मतिज्ञान १४९, १३ श्रुतज्ञान १५०, १४.अवधिज्ञान १५४; १५ मन.पर्यय ज्ञान १५५, १६ केवलज्ञान १५५, १७.क्रम तथा अक्रम ज्ञान १५६, १८ दर्शनके भेद १५६, १९ सुखके भेद १५८, २०.वीर्य १५९, २१ अनुभव-श्रद्धा तथा रुचिमे भेद १६१, २२ कषाय १६१, २३ सावरण तथा विकार १६५, २४.सावरण तथा निरावरण ज्ञान १६६, २५ स्वभाव तथा विभाव १६७, २६ चेतनके गुण १६८, २७ अन्तःकरणरे गुण १७०, २८ गरीर के धर्म १७३, २९ जीव-विज्ञान जाननेका प्रयोजन १७४। ७ अजीव पदार्थ सामान्य १७५ १ पदाथ विज्ञानको पुनरावृत्ति १७५, २ अजीव-पदार्थ सामान्य १७६, ३ अजीव विशेष १७६, ४.मूर्तिक तथा अमूर्तिक १७७, ५ षट् द्रव्योमे पाँच अजीव १७७ । ८. पुद्गल पदार्थ १७९ १ पुद्गल-सामान्य १७९, २ पुद्गलको विचित्रता १८०, ३.सब जीवके शरीर १८०, ४ पचभूत तथा उनके कार्य १८२, ५.मूल पदार्थ परमाणु १८५, ६.परमाणुका लक्षण १८७, ७ परमाणु मूर्तिक है १८८, ८ परमाणु-वादका समन्वय १८९, ९ परमाणुका बन्ध-क्रम१९२, १० स्थूल तथा सूक्ष्म पुद्गल १९३, ११ पुद्गलके गुण तथा धर्म १९८, १२ पुद्गल-धर्मोका समन्वय २००, १३ विज्ञानके

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