Book Title: Nrutyaratna Kosh Part 01
Author(s): Kumbhkarna Nrupati
Publisher: Rajasthan Purattvanveshan Mandir
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नृ०२० को-उल्लास १, परीक्षण ४
श्रीमहिषाचलोपरिश्रीहरिशरणरचिताचलदुर्गेण ॥ १८ ॥ अभिनवभरताचार्येण ॥ १९ ।। वीणावादनप्रवीणेन ॥ २० ॥ यवनकुलाकालकालरात्रिरूपेण ॥ २१ ॥ त्रिसंध्यक्षेत्रसमुद्रसंभवरोहिणीरमणेन ॥ २२ ॥ परमभागवतेन ॥ २३ ॥ महाराजाधिराजमहाराणा
श्री[मृगाङ्क]नामराजेन्द्रनन्दनेन ॥ २४ ॥ महाराज्ञीसौभाग्यवतीजसमांबिकाहृदयनन्दनेन 5 ॥ २५ ॥ सकलसीमंतिनीशिरोमणिनिकुंभराजन्यवंशावतंसमहाराज्ञीश्रीकर्मवती-लघुमा
देवीहृदयाधिनाथेन ॥ २६ ॥ इति महाराजाधिराजकालसेनमहीन्द्रेण विरचिते सङ्गीतराजे षोडशसाहस्यां सङ्गीतमीमांसायां नृत्यरत्नकोशे अङ्गोल्लासे आहार्याभिनयलक्षणम् । चतुर्थ परीक्षणं समाप्तम् । उल्लासश्च प्रथमः समाप्तः ।

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