Book Title: Mahavira ki Bodh Kathaye Diwakar Chitrakatha 005
Author(s): Pushkar Muni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ काम का बंटवारा बंटवारा उसके धनपाल, धनदेव, धनगोप एवं धनरक्षित नाम के चार पुत्र में समृद्धिशाली व्यापारी रहता था। और उनकी चार पत्नियाँ आदि का भरा पूरा सुखी परिवार था। राष् एक दिन धन्ना के मन में विचार ऊठा। G Te க t 13113 113 11 मैं अब वृद्ध हो गया हूँ। न जाने कब सांसे छूट जायें। अपने जीवन काल में ही मैं परिवार की जिम्मेदारियों का बंटवारा इस प्रकार कर दूँ, कि मेरी मृत्यु के बाद भी परिवार में प्रेम और समृद्धि बनी रहे। यह सोचकर सेठ ने सबसे पहले घर की जिम्मेदारी पुत्र वधुओं को सौंपने का निश्चय किया। किन्तु काम का बंटवारा किस प्रकार हो, वह यह सोचने लगा। Jain Education International मुझे पुत्र वधुओं की योग्यता की परीक्षा लेनी चाहिए और योग्यता के अनुसार कार्य सौंपना चाहिये। धन्ना ने उनकी योग्यता जाँचने के लिये एक मनोवैज्ञानिक तरीका अपनाया। 1 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary ce

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 38