Book Title: Labdhisara Kshapanasara
Author(s): Ratanchand Mukhtar
Publisher: Dashampratimadhari Ladmal Jain

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Page 619
________________ पृष्ठ पंक्ति ३०० १ ३०० १४ ३०४ ६-७ ३०४ ७ ३०६ १० ३१२ ५ ( ३ ) शुद्ध | पृष्ठ पंक्ति ३१३ ३-४ अशुद्ध विशेष अधिक विभाग है सासादनगुणस्थान के संख्यातगुणे अघस्तन काल से सख्यात गुरणे कालरूप सासादन नीचे के गुणस्थान के क्योकि उपशान्त कालके पल्य के इस कारण उपशमनकाल के पत्यक विशेष अधिक है । त्रिभाग हैं ३१३ ३१३ ५ 3X १५ ३१५ २ अशुद्ध शुद्ध चढने वाले के वादर चढने वाले ग्रनिलोभ के वृत्तिकररण जीव के प्रथम समय मे के अन्तिम स्थितिबन्ध के अन्तिम समय स्थितिबन्ध होता है। उससे होता है, वह संख्यात गुणा है। उससे होता है होते है ।

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