Book Title: Labdhisara Kshapanasara
Author(s): Ratanchand Mukhtar
Publisher: Dashampratimadhari Ladmal Jain

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Page 643
________________ करण लब्धि कर्म स्कन्ध कषायप्राभृतग्रन्थ कृतकरणीयकाल कृतकृत्य सम्यक्त्व कृतयुग्म कोदो क्रमकरण क्षयोपशम क्षायिक सम्यक्त्व क्षायोपशमिक क्षुद्रभव क्षुद्रभवग्रहरण गच्छ गलितावशेष गलितावशेष गुणश्रेणी गुण श्रणी याम गुण रिण विन्यास गुण र शीर्ष गुणस क्रमरण गुहा निस्थानान्तर गुरणाश गुणित कर्माश गोपुच्छाकार चतुःस्थानीय चतुःस्थानीय यवमध्य चय "" "च" ( २७ ) ४ १५८ २८८ १२७ १३० ४६ ७३ १७७ ४ Ε ६३ २५४ ३०३ २२६ ४५ १३०, २६६ ३१, ७७ ४५,४६ २८२ १२४, १२६ ४४, १७७ ६६ ६३ ११२ ५६, ६० २० ५ २२६ चयधन चालीसीया चूणिसूत्र चेतनाकार जघन्य अनुभाग सत्त्व जघन्य प्रदेश सत्त्व जघन्य युक्तासख्यात जघन्य स्थितिवन्ध जघन्य स्थितिसत्त्व ज-स्थितिबन्ध जातिस्मरण जात्यन्तर जिनबिम्ब दर्शन जिनमहिमा दर्शन डेढ गुणहानि दण्डक दीयमान दुर्मार्ग "त" तदुभयप्रत्ययिक ( क्षायोपशमिक ) ती सिया त्रसचतुष्क राष्टि “ज” दृश्यमान देवचतुष्क देवधिदर्शन देशकरगोपशामना "ड" "द" दर्द १८५ २८८ ३ vw w 5 4 w ~ ~ ~ ४६ ८ ८ ८ २७६ २ ६२ २ २ ६० ૪ १८५ १७ ८० १२४, २३४ ૨૯ १०७, ११६, १८५ १२४, २३४ १७ २ ૨૪૨

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