Book Title: Labdhisara Kshapanasara
Author(s): Ratanchand Mukhtar
Publisher: Dashampratimadhari Ladmal Jain

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Page 646
________________ ( २८ ) २ १८२ ३६, ७४ देशपातिकरण देशना देशनालब्धि देशसयमलव्विस्थान देशामर्शक देशोपशम दोलायमान द्वितीयस्थिति द्विस्थानीय ७०, १७३ ७, १२१ २१० धर्मप्रवण १२८ १४०, २७३ ३४ पचम लब्धि परप्रकृतिसड क्रम परस्थान-अल्पवहुत्व परावर्तमान परिपाटी क्रम परिवर्तमान परिहारविशुद्धिसयम पर्यवसान पर्व (श्रेणिया) पश्चादानुपूर्वी पुनरुक्त पुष्पदन्त-भूतवली पूर्वकृष्टि पृथक्त्व प्रकृतिचतुष्क प्रकृतिबन्धव्यच्छित्ति प्रतिघात प्रतिपक्ष स्वरूप प्रतिपद्यमानगत प्रतिपात प्रतिपातगत प्रतिवद्ध प्रतिभाग नवप्रवद्ध २८८ १९६ २१७ २२६ नवकवच निकाचनाकरण निकाचित १८३ ११५ निक्षेप १० निधत्तीकरण निपतित निरवशेष निरासान निन्वियनपना ४६, ४७, ४० १८३ १८६ २१७ १५२, १६० २५३ ." १५२, १६० OR निर्मलमूम २३ २८६ २१८ नि शिवगंगासागर निर्वाचन प्रण निमगारविषयक गिर भागार ३३, १२२ ७२, २०८ २०८, २१६ ७०,१७३ प्रत्यागाल प्रत्यावलि प्रथमस्थिति प्रथमोपशमसम्यक्त्व प्रदेशपुज प्रभव प्रविशमान Frieोनम गम्यग्य ८३, ८४ ४४, १२६ २२६ ६ । १२१

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